Wednesday, 6 May 2015

आरती श्री हनुमान जी की(Hanuman Aarti)


हनुमान जी की आरती 


आरती कीजै हनुमान लला की !
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || आरती ...
जाके  बल से गिरिवर कांपै !
 रोग दोष जाके निकट न झांपै || आरती...
अंजनी पुत्र महाबल दाई !
संतान के प्रभु सदा सहाई || आरती... 
 दे बीरा रघुनाथ पठाए !
लंका जारि सिय सुधि लाए || आरती...
लंका सो कोट समुद्र सी खायी !
जात पवन सुत बार ना लायी ||आरती...
लंका जारी असुर संहारे !
सिया रामजी के काज संवारे || आरती...
लक्ष्मण मूर्छित परे सकारे !
आनि संजीवन प्राण उबारे || आरती...
पैठी पताल तोरी जमकारे !
अहिरावन की भुजा उखारे || आरती...
 बाएं भुजा असुरदल मारे !
दाहिने भुजा संतजन तारे || आरती...
सुर- नर - मुनि आरती उतारे !
जय जय जय हनुमान उचारे || आरती...
कंचन थार कपूर लौ छाई !
आरती करत अंजना माई || आरती...
जो हनुमान जी की आरती गावै !
बंसी बैकुंठ परम पद पावै || आरती...

   


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