Monday, 8 June 2015

आरती विश्वकर्मा जी की (Vishwakarma Aarti)

                 
         

        आरती श्री विश्वकर्मा जी की



प्रभु श्री विश्वकर्मा  घर  आवो  प्रभु विश्वकर्मा |
सुदामा की विनय सुनी, और कंचन महल बनाये |
सकल पदारथ देकर प्रभु जी दुखियों के दुःख टारे ||

विनय करी भगवन श्री कृष्ण ने द्वारिकापुरी बनाओ |
ग्वाल बालों  की रक्षा की  प्रभु  की  लाज  बचायो ||
रामचन्द्र ने  पूजन की तब सेतु बांध रचि डारो

सब सेना को पार कियाप्रभु लंका विजय करावो ||
श्री कृष्ण के विजय सुनो प्रभु आके दर्शन दिखावो |
शिल्प विद्या का दो प्रकाश मेरा जीवन सफल बनावो ||


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