Monday, 8 June 2015

आरती श्याम जी की (Aarti Shyam Ji Ki)

                  
          

           आरती श्री श्याम जी की

 


ॐ जय श्री श्याम हरे , प्रभु जय श्री श्याम हरे |
निज  भक्तन  के  तुमने   पूरण  कम  करे ||
            हरि  ॐ जय श्री श्याम हरे ..........

गल  पुष्पो   की  माला, सिर पर   मुकुट धरे |
पीत   बसन   पीताम्बर,   कुण्डल  कर्ण पड़े ||
            हरि ॐ जय श्री श्याम हरे .......

रत्न सिहांसन राजत , सेवक भक्त खड़े |
खेवत धूप अग्नि पर , दीपक ज्योती जले ||
            हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ............

मोदक  खीर  चूरमा ,  सुवर्ण  थाल  भरे |
सेवक भोग लगावत , सिर पर चंवर  ढुले ||
         हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ...........

झांझ नगाड़ा और  घड़ीयावल, शंख मृदंग बजे |
भक्त  आरती   गावें ,  जय  जयकार  करे ||
         हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ...............

जो   ध्यावे  फल  पावे  सब  दुःख  से उबरे |
सेवक जब निज मुख से, श्रीश्याम श्याम उचारे ||
         हरि ॐ जय श्री श्याम हरे ..............

श्री श्याम बिहारी जी की आरती जो कोई नर गावे |

गावत   दसमनोहर,  मन  वान्छित  फल  पावे ||    

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